शिमला, 17 नवंबर।हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश के विभिन्न विभागों में बैकलाग व शार्ट फाल पदों के तहत रिक्त चल रहे एससी/एसटी के छह हजार पदों को भरने को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा अन्य प्रकार के रिक्त पदों को भी भरने की मंजूरी दे दी गई है। साथ ही सरकार ने किसानों को भी तोहफा देते हुए उनको स्टांप ड्यूटी से छूट देने का निर्णय लिया है।
वहीं निर्विरोध चुनावों को बढ़ावा देने के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को दोबार शुरू करने का निर्णय लिया है। यह राशि पांच लाख से 15 लाख रुपये तक होगी। वहीं अन्य कई प्रकार के निर्णय लिए गए हैं। इसकी विस्तृत रिपोर्ट नीचे दी गई है।बैठक में विभिन्न विभागों में अनेक पद भरने को सहमति प्रदान की गई। यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणियों के लिए 6000 से अधिक विभिन्न पदों के बैकलॉग को भरने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाएगा। इसी तरह शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े विभिन्न पदों को भरने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाएगा।
हि.प्र. प्रशासनिक अभिकरण मेें विभिन्न श्रेणियों के 19 अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे। राज्यलोक सेवा आयोग के माध्यम से राज्य प्रशासनिक सेवा के चार रिक्त पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरने का निर्णय लिया गया है। बागवानी विभाग में लिपिकों के 48 पद भरे जाएंगे, जिनमें से 37 पद अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती के माध्यम से जबकि 11 पद लिमिटेड डायरेक्ट भर्ती (एलडीआर) से भरे जाएंगे।
शहरी विकास विभाग में अनुबंध आधार पर जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आई.टी.) के तीन पद सृजित करने, महिला एवं बाल विकास निदेशालय में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आई.टी.) के तीन पद सृजित एवं भरने, आयुर्वेद विभाग में आमची चिकित्सा अधिकारियों के तीन और यूनानी चिकित्सा अधिकारियों के दो रिक्त पद अनुबंध आधार पर भरने का निर्णय लिया गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सांख्यिकी सहायकों के पांच रिक्त पद अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड, हमीरपुर के माध्यम से अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती से भरे जाएंगे। इसके अलावा, आधिकारिक भाषा एवं अंग्रेजी शाखा के लिए विधि विभाग में संयुक्त विधि रिमेंबरांसर एवं संयुक्त सचिव (विधि) का एक-एक पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है।
राज्य सरकार ने किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए रेहन पर रखी अथवा नीलाम की गई भूमि को वापस अपने नाम करने के लिए एकमुश्त बंदोबस्त के अन्तर्गत बैंक को देय पूरी राशि के भुगतान के उपरांत पूरा स्टाम्प और पंजीकरण शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से प्रदेश किसानों को अपनी बेची हुई अथवा रेहन पर रखी भूमि बगैर स्टाम्प अथवा पंजीकरण शुल्क जमा किए बिना वापिस मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। सरकार का यह निर्णय उन प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है, जिनकी भूमि अथवा भूमि स्वामित्व बैंकों के नाम स्थानान्तरित है और राजस्व रिकार्ड में दजऱ् है। राजस्व विभाग की ओर से ऐसे किसानों पर स्टाम्प और पंजीकरण शुल्क जमा करवाने का दबाव था, लेकिन कुछ गरीब किसान इसे चुकाने में असमर्थ थे। इसी के दृष्टिगत सरकार ने इन किसानों को राहत देते हुएयह शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है, जो एकमुश्त बंदोबस्त के अन्तर्गत अपने नाम भूमि स्थानान्तरित करवा सकेंगे।
बैठक में उन पंचायती राज इकाइयों को अनुदान के रूप में प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया, जहां पदाधिकारी निर्विरोध चुनकर आए है। ग्राम पंचायतों को 5 लाख रुपये, पंचायत समितियों को 10 लाख रुपये और जि़ला परिषदों को 15 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार की आवास निर्माण नीति के अनुरूप आवासीय इकाइयां निर्मित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि आबंटित करने के लिए सड़क से 100 मीटर की दूरी के मानदण्ड में छूट देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति भारी संख्या में लाभान्वित होंगे।
भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनव्यर्वस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत राज्य अनुश्रवण समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है। राजस्व वित्तायुक्त की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस समिति में 11 सदस्य और एक सदस्य सचिव होगा।
मंत्रिमंडल ने राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कलक्टर और विशेष अधिग्रहण इकाई द्वारा किए जाने वाले भूमि अधिग्रहणों के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्गों, रेलवे और रक्षा परियोजनाओं आदि के निर्माण के लिए 9 प्रतिशत प्रशासनिक एवं आकस्मिक शुल्क लगाने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं के अनुरूप, मंत्रिमण्डल ने प्रदेश के 50 स्कूलों में विज्ञान और 35 स्कूलों में वाणिज्य कक्षाएं आरंभ करने को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में सुजानपुर टीहरा के खण्ड विकास अधिकारी के पुराने कार्यालय को गिराकर संयुक्त कार्यालय भवन के निर्माण को मंजृरी प्रदान की गई। यह भी निर्णय लिया गया है कि भविष्य में मिनी सचिवालयों के स्थान पर उप-मण्डल स्तर पर केवल उप-मण्डलीय संयुक्त कार्यालय होंगे।
केन्द्रीय तिब्बती स्कूल, छोटा शिमला की अचल परिसम्पत्तियों को केन्द्रीय तिब्बती प्रशासन, धर्मशाला के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत सम्बोटा तिब्बती स्कूल सोसायटी के नाम स्थानान्तरित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र को भी मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमंडल ने कुल्लू जि़ला में 2.50 मैगावाट क्षमता वाली पखनोज जल विद्युत परियोजना को रद्द कर दिया है। वहीं, सिरमौर जिला में 0.80 मैगावाट कण्डा जल विद्युत परियोजना और कुल्लू जिला में 4.80 मैगावाट क्षमता की आनी-4 परियोजनाओं को बहाल करने का भी निर्णय लिया गया है।
मंडी जि़ला के पण्डोह में सेना के ट्रांजिट कैम्प की स्थापना के लिए भूमि के स्थायी स्वामित्व को मंत्रिमंडल ने अपनी स्वीकृति दी।
कांगड़ा जिला के अंतर्गत डाडासिब्बा राजकीय महाविद्यालय का नाम बाबा कांशी राम राजकीय डिग्री महाविद्यालय डाडासिब्बा रखने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने शिमला में चैड़ा मैदान स्थित सर्किट हाउस, चम्बा जिला के बनीखेत व कुल्लू जिला के सोझा में लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाउस के अतिरिक्त भवन निर्माण के लिए संशोधित प्रारम्भिक लागत और कुल्लू के ढालपुर में नए लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की।
कांगड़ा जिला के स्वामी विवेकानंद कॉलेज, शिवनगर को सरकार ने अपने नियंत्रण में लेने का निर्णय लिया है।
शिमला जिला के अन्तर्गत आई.टी.आई. जलोग में मोटर मैकेनिक व्हीकल और ड्राफ्ट्समैन (सिविल) के ट्रेड आरम्भ करने का निर्णय लिया गया है। कुल्लू में महिला पुलिस स्टेशन खोलने का भी निर्णय लिया गया है।
मंत्रिमंडल ने प्रदेश के महाविद्यालयों में अनुबंध अथवा टैन्योर आधार पर नियुक्त प्रवक्ताओं (वर्तमान में सहायक प्रोफेसर) के वेतनमान को वर्ष 1996 से पूर्व की भांति संशोधित करने का निर्णय लिया है।
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